JAISI NIYAT WAISI BARKAT
एक इंसान जिसकी उम्र काफी हो चुकी थी। उसके पांच बेटे थे। तो उसने मरने से पहले अपने बेटे को बुलाया और सभी बेटे को अपनी प्रॉपर्टी अपनी सारी कमाई पांचो बेटे में बाँट दिया।
कुछ दिन बाद उस इंसान की मौत हो जाती है। उसके पांचो बेटे अपने पिताजी की अर्थी उठाने ही वाले होते है के उसी वक़्त एक अनजान आदमी आता है और कहता है के अरे ये मर गए ,ये कैसे मर गए ,मुझे इनसे दस लाख रुपए लेने थे। मुझे मेरा दस लाख रुपए जब तक नहीं मिलेगा तब तक मैं ये अर्थी उठने नहीं दूंगा।
इस पर बड़ा बेटा कहता है के मेरे पिताजी किसी से उधार लिए थे ये तो मुझे नहीं बताया । उस आदमी ने जोर दे के कहा के मुझे जब तक मेरा रुपए नहीं मिलेगा तब तक ये अर्थी यहाँ से नहीं उठेगा।
इस पर चारो लड़के कहते है के मेरे पिताजी नहीं रहे और उन्होंने जो उधार लिया था ये बात भी मुझे नहीं बताया
तो उनके मरने बाद अब मुझे नहीं पता। अब क्या किसको देना है इससे मुझे कोई मतलब नहीं है ,इनके साथ सब कुछ ख़त्म हो गया है। अब आप जाइये।
इस पर छोटे लड़के ने उस आदमी से कहा के सर अभी मेरे पास सिर्फ पांच लाख रुपए है ,मैं अभी आपको ट्रांसफर कर रहा हूँ ,लेकिन आप अर्थी को उठने से रोके नहीं। वो छोटा लड़का रो रोकर बोल रहा था।
इस बात पर वो आदमी जोर जोर से हंसने लगा , सब चौक गया के ये आदमी हंस क्यू रहा है ? तभी उसने कहा के आपके पिताजी देना जानते थे लेना नहीं ,उनके जैसा नेक दिल और साफ़ नियत वाले इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। और आपके पिताजी ने मुझसे नहीं मैंने उनसे पंद्रह लाख रुपए कर्ज लिया था। लेकिन वे आज तक हमसे रुपए नहीं मांगे वे बस यही बोले के जब भी रुपए हो जाय तब देना अगर नहीं हो पाया तो तो मेरे नाम से एक जमीन ले लेना। तो मेरे पास जब पंद्रह लाख रुपए हुए तब मैंने उन रुपए से आपके पिताजी के नाम एक जमीन ले लिया। और उस जमीन की कीमत आज पांच करोड़ रुपए है।
मैं तो ये जांच रहा था के इस रुपए का असली हक़दार कौन है ? लेकिन आप चारों को तो कोई मतलब ही नहीं रहा। लेकिन सबसे छोटे लड़के की नियत साफ़ थी तभी इसने बिना सोचे पांच लाख रुपए देने को तैयार हो गया
क्यू की इसकी नियत साफ़ है। तो इस रुपए का असली हक़दार भी यही हुआ।
याद रखना आप को बहुत ज्यादा तभी मिलेगा जब आपकी नियत साफ़ हो। जो लोगो की मदद करेगा ,जो रिश्तो की वैल्यू समझेगा।
एक इंसान जिसकी उम्र काफी हो चुकी थी। उसके पांच बेटे थे। तो उसने मरने से पहले अपने बेटे को बुलाया और सभी बेटे को अपनी प्रॉपर्टी अपनी सारी कमाई पांचो बेटे में बाँट दिया।
कुछ दिन बाद उस इंसान की मौत हो जाती है। उसके पांचो बेटे अपने पिताजी की अर्थी उठाने ही वाले होते है के उसी वक़्त एक अनजान आदमी आता है और कहता है के अरे ये मर गए ,ये कैसे मर गए ,मुझे इनसे दस लाख रुपए लेने थे। मुझे मेरा दस लाख रुपए जब तक नहीं मिलेगा तब तक मैं ये अर्थी उठने नहीं दूंगा।
इस पर बड़ा बेटा कहता है के मेरे पिताजी किसी से उधार लिए थे ये तो मुझे नहीं बताया । उस आदमी ने जोर दे के कहा के मुझे जब तक मेरा रुपए नहीं मिलेगा तब तक ये अर्थी यहाँ से नहीं उठेगा।
इस पर चारो लड़के कहते है के मेरे पिताजी नहीं रहे और उन्होंने जो उधार लिया था ये बात भी मुझे नहीं बताया
तो उनके मरने बाद अब मुझे नहीं पता। अब क्या किसको देना है इससे मुझे कोई मतलब नहीं है ,इनके साथ सब कुछ ख़त्म हो गया है। अब आप जाइये।
इस पर छोटे लड़के ने उस आदमी से कहा के सर अभी मेरे पास सिर्फ पांच लाख रुपए है ,मैं अभी आपको ट्रांसफर कर रहा हूँ ,लेकिन आप अर्थी को उठने से रोके नहीं। वो छोटा लड़का रो रोकर बोल रहा था।
इस बात पर वो आदमी जोर जोर से हंसने लगा , सब चौक गया के ये आदमी हंस क्यू रहा है ? तभी उसने कहा के आपके पिताजी देना जानते थे लेना नहीं ,उनके जैसा नेक दिल और साफ़ नियत वाले इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। और आपके पिताजी ने मुझसे नहीं मैंने उनसे पंद्रह लाख रुपए कर्ज लिया था। लेकिन वे आज तक हमसे रुपए नहीं मांगे वे बस यही बोले के जब भी रुपए हो जाय तब देना अगर नहीं हो पाया तो तो मेरे नाम से एक जमीन ले लेना। तो मेरे पास जब पंद्रह लाख रुपए हुए तब मैंने उन रुपए से आपके पिताजी के नाम एक जमीन ले लिया। और उस जमीन की कीमत आज पांच करोड़ रुपए है।
मैं तो ये जांच रहा था के इस रुपए का असली हक़दार कौन है ? लेकिन आप चारों को तो कोई मतलब ही नहीं रहा। लेकिन सबसे छोटे लड़के की नियत साफ़ थी तभी इसने बिना सोचे पांच लाख रुपए देने को तैयार हो गया
क्यू की इसकी नियत साफ़ है। तो इस रुपए का असली हक़दार भी यही हुआ।
याद रखना आप को बहुत ज्यादा तभी मिलेगा जब आपकी नियत साफ़ हो। जो लोगो की मदद करेगा ,जो रिश्तो की वैल्यू समझेगा।
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